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शेयर बाजार: इस सप्ताह Q1 कमाई और विदेशी निवेश तय करेगा निफ्टी का रुख

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भारतीय शेयर बाजार इस सप्ताह कई महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। निवेशकों की नजर Q1 FY26 कमाई के परिणामों, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधियों और भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर टिकी है।

Q1 FY26 कमाई सीजन की शुरुआत

टीसीएस ने 10 जुलाई 2025 को Q1 FY26 कमाई सीजन की शुरुआत की है। कॉर्पोरेट अर्निंग्स Q1 FY26 में साल-दर-साल 10% की वृद्धि दिखाने के लिए तैयार हैं, जबकि भारतीय शेयर बाजार की निफ्टी 50 कंपनियों से मामूली 5% की वृद्धि की उम्मीद है। वित्तीय क्षेत्र को छोड़कर, कमाई साल-दर-साल 6% चढ़ सकती है।

प्रमुख कंपनियों की कमाई तारीखें:

  • TCS: 10 जुलाई 2025 (पहली घोषणा)
  • Infosys: 23 जुलाई 2025
  • HDFC Bank: इसी सप्ताह अपेक्षित
  • Nestle: जुलाई के अंत में

इन्फोसिस के मार्च 2025 क्वार्टर में शुद्ध लाभ 11.7% गिरकर ₹7,033 करोड़ हो गया था, जो पिछले साल की समान अवधि में ₹7,969 करोड़ था। हालांकि, इसका लाभ पिछली तिमाही की तुलना में 3.3% बढ़ा।

मुख्य सेक्टर की स्थिति

FMCG सेक्टर

उपभोक्ता वस्तुओं का क्षेत्र ग्रामीण मांग की रिकवरी से लाभान्वित हो सकता है। मानसून की प्रगति और इनपुट लागत में कमी इस सेक्टर के लिए सकारात्मक कारक हैं।

बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं

बैंकिंग क्षेत्र में वृद्धि दर 6.5-7% तक पहुंचने की उम्मीद है, जो इसे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाता है।

IT सेक्टर की चुनौतियां

प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कुछ चुनौतियां नजर आ रही हैं। TCS से 0.5% की QoQ CC रेवेन्यू में गिरावट की उम्मीद है, जबकि HCL टेक्नोलॉजीज में 1.2% की बड़ी गिरावट हो सकती है। इन्फोसिस वर्तमान में FY26 के लिए 0-3% की वृद्धि का गाइडेंस दे रहा है।

निवेशक और विश्लेषक इस बात पर बारीकी से नजर रखेंगे कि क्या Infosys, Wipro, और HCL Tech अपने FY26 या Q2FY26 रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस को संशोधित करते हैं, खासकर अमेरिका में मंद मैक्रो परिस्थितियों और AI परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव के कारण।

FII और DII की गतिविधियां

घरेलू निवेशकों का मजबूत प्रदर्शन

Q3 FY25 में घरेलू म्यूचुअल फंड्स ने लगभग ₹1.54 लाख करोड़ का निवेश किया। NSE में सूचीबद्ध कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी 9.93% के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।

विदेशी निवेशकों की मिश्रित तस्वीर

2025 में FII प्रवाह में महत्वपूर्ण अस्थिरता देखी गई है। अप्रैल 2025 में FII द्वारा भारतीय शेयर बाजार में 2025 की तीसरी सबसे बड़ी खरीदारी की गई थी। डॉलर इंडेक्स में जनवरी के शिखर 110 से 10.6% की गिरावट ने FII को उभरते बाजारों में निवेश के लिए प्रेरित किया।

FY25 में FII द्वारा ₹1.27 लाख करोड़ की बिक्री की गई, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) लगातार खरीदार बने रहे और उन्होंने ₹6.06 लाख करोड़ का निवेश किया। मार्च 2025 में FII बिक्री में कमी देखी गई, जबकि DII ने भारतीय शेयर बाजार में साल भर अपनी मजबूत खरीदारी जारी रखी।

भारत-अमेरिका व्यापार संबंध और वैश्विक कारक

अमेरिकी नीतियों में संभावित परिवर्तन भारतीय बाजारों पर प्रभाव डाल सकते हैं। इस्पात, एल्यूमिनियम और अन्य क्षेत्रों पर संभावित टैरिफ की चर्चा निवेशकों के लिए चिंता का विषय है।

मैक्रो इकोनॉमिक हेडविंड्स

लगातार मैक्रो इकोनॉमिक हेडविंड्स, धीमी क्लाइंट डिसिजन मेकिंग, और मंद डिस्क्रिशनरी स्पेंडिंग टॉप-टियर फर्मों पर दबाव बनाना जारी रख रहे हैं। यह विशेष रूप से IT सेक्टर के लिए चुनौतीपूर्ण है।

मानसून का प्रभाव

इस साल मानसून की प्रगति बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण कारक होगी। अच्छे मानसून से ग्रामीण मांग में सुधार हो सकता है, जो FMCG और कृषि संबंधी कंपनियों के लिए सकारात्मक होगा।

बाजार दृष्टिकोण 2025

शेयर बाजार: इस सप्ताह Q1 कमाई और विदेशी निवेश तय करेगा निफ्टी का रुख

मुख्य जोखिम कारक

  • FII पूंजी निकासी की संभावना और वैश्विक अनिश्चितता
  • IT सेक्टर में मंद डिस्क्रिशनरी स्पेंडिंग
  • अमेरिकी मैक्रो इकोनॉमिक हेडविंड्स का प्रभाव
  • मुद्रास्फीति की चुनौतियां
  • वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव
  • मानसून की प्रगति पर निर्भरता

सकारात्मक कारक

  • मजबूत घरेलू निवेश प्रवाह (DII द्वारा ₹6.06 लाख करोड़ निवेश)
  • Q3 FY25 में म्यूचुअल फंड्स का ₹1.54 लाख करोड़ का रिकॉर्ड निवेश
  • NSE में DII की 9.93% हिस्सेदारी का नया रिकॉर्ड
  • सरकारी नीतियों का समर्थन
  • डिजिटल परिवर्तन की बढ़ती गति
  • ग्रामीण मांग में सुधार के संकेत
  • भारत की 6.5-7% विकास दर की संभावना

निवेशकों के लिए रणनीतिक सुझाव

विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार 2026 में 15-17% की कमाई वृद्धि दिखा सकता है, जो एशियाई उभरते बाजारों में अपने समकक्षों से बेहतर है। हालांकि, अगले वर्ष के लिए एकल अंक में 9-10% तक की वृद्धि की उम्मीद है।

सेक्टर-वार निवेश रणनीति:

  • FMCG: मानसून की प्रगति और ग्रामीण मांग की रिकवरी के लिए अनुकूल
  • बैंकिंग: मजबूत घरेलू विकास और क्रेडिट ग्रोथ से लाभ
  • IT: अल्पकालिक दबाव के बावजूद दीर्घकालिक डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ट्रेंड
  • इंफ्रास्ट्रक्चर: सरकारी पूंजी निर्माण योजनाओं से सहायता

निवेश दृष्टिकोण:

  • DII की लगातार खरीदारी से घरेलू बाजार की मजबूती
  • FII की अस्थिरता के बावजूद दीर्घकालिक संभावनाएं बरकरार
  • मूल्यांकन में सुधार के अवसर तलाशना
  • जोखिम प्रबंधन के साथ चुनिंदा निवेश

निष्कर्ष

भारतीय शेयर बाजार की दलाल स्ट्रीट इस सप्ताह कई महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। Q1 FY26 कमाई के परिणाम, FII की गतिविधियां और व्यापार नीतियों में बदलाव बाजार की दिशा तय करने वाले मुख्य कारक होंगे। निवेशकों को सतर्क रहकर इन सभी कारकों पर नजर रखनी चाहिए।

मौजूदा परिस्थितियों में विविधीकरण और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निवेश करना बेहतर रणनीति हो सकती है। बाजार की अस्थिरता के बीच धैर्य और अनुशासित निवेश दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है।


यह लेख बाजार की वर्तमान स्थिति और विश्लेषकों के मतों पर आधारित है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना आवश्यक है।


By: aktv.in

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