भारत की सबसे बड़ी निजी कंपनी Reliance के मुनाफे में उछाल, फिर भी Share में गिरावट क्यों?इंडस्ट्रीज ने 18 जुलाई 2025 को अप्रैल-जून तिमाही (Q1FY26) के परिणाम जारी किए, जो वित्तीय जगत में काफी चर्चा का विषय बने। कंपनी ने रिकॉर्ड तोड़ मुनाफा दर्ज किया, लेकिन इसके बावजूद शेयर बाजार में स्टॉक की कीमतों में गिरावट देखी गई। यह घटना निवेशकों के व्यवहार और बाजार की जटिलताओं को समझने का एक दिलचस्प उदाहरण है।
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रिकॉर्ड तोड़ वित्तीय प्रदर्शन
Reliance के मुनाफे में उछाल, फिर भी Share में गिरावट क्यों? इंडस्ट्रीज का समेकित शुद्ध लाभ इस तिमाही में 78% की भारी बढ़ोतरी के साथ ₹26,994 करोड़ तक पहुंच गया। यह आंकड़ा पिछली तिमाही (Q4FY25) के ₹19,407 करोड़ और पिछले वर्ष की समान अवधि (Q1FY25) के ₹15,138 करोड़ से काफी अधिक है। इस शानदार प्रदर्शन में सबसे बड़ा योगदान एशियन पेंट्स में कंपनी की हिस्सेदारी की बिक्री से मिली ₹8,924 करोड़ की एकमुश्त आय का रहा।
कंपनी का कुल राजस्व भी 5-6% बढ़कर लगभग ₹2.48 लाख करोड़ तक पहुंच गया, हालांकि यह विश्लेषकों की अपेक्षाओं से थोड़ा कम रहा। EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय) में भी 35.7% की वृद्धि देखी गई, जो ₹58,024 करोड़ तक पहुंच गई। EBITDA मार्जिन लगभग 21.2% पर स्थिर रहा, जो कंपनी की मजबूत परिचालन दक्षता को दर्शाता है।
बाजार की विपरीत प्रतिक्रिया
इन उत्कृष्ट वित्तीय परिणामों के बावजूद, सोमवार 21 जुलाई को रिलायंस के शेयरों में तेज गिरावट देखी गई। बाजार खुलते ही स्टॉक 2% से अधिक लुढ़क गया, जो ₹1,465 से गिरकर ₹1,448 के स्तर तक पहुंच गया। हालांकि दिन के मध्य में कुछ सुधार आया और शेयर अंततः ₹1,476 के आसपास बंद हुआ।
यह घटना “सेल ऑन न्यूज” की प्रवृत्ति का एक स्पष्ट उदाहरण है, जहाँ निवेशक अच्छी खबर सुनने के तुरंत बाद लाभ बुक करने लगते हैं। वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीकी बिकवाली का परिणाम था, जो अक्सर बड़ी कंपनियों के परिणाम आने के बाद देखा जाता है।
विश्लेषकों की सकारात्मक दृष्टि
Reliance शेयर की अस्थायी गिरावट के बावजूद, प्रमुख ब्रोकरेज हाउसों ने रिलायंस पर अपना सकारात्मक रुख बनाए रखा है। नुवामा इक्विटीज ने ‘BUY’ रेटिंग के साथ ₹1,767 का लक्ष्य मूल्य तय किया है। इसी तरह, जेफरीज ने भी ₹1,726 के टारगेट प्राइस के साथ खरीद की सिफारिश बरकरार रखी है।
नोमुरा ने ₹1,600 के लक्ष्य के साथ खरीदारी की सलाह दी है, जबकि मोटिलाल ऑसवाल ने अपना लक्ष्य मूल्य पहले के ₹1,685 से बढ़ाकर ₹1,700 कर दिया है। ये सभी रिपोर्टें इस बात पर जोर देती हैं कि Reliance की दीर्घकालीन विकास संभावनाएं मजबूत हैं और कंपनी के विविध व्यावसायिक क्षेत्रों से निरंतर वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है।
चुनौतियां और चिंताएं
हालांकि परिणाम समग्रतः उत्कृष्ट रहे, कुछ क्षेत्रों में चिंता के संकेत भी दिखे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस तिमाही के लाभ में एकमुश्त हिस्सेदारी बिक्री का बड़ा योगदान था, जिससे मूल परिचालन गतिविधियों से होने वाली आय की वास्तविक वृद्धि दर अपेक्षाकृत कम दिखी।
रिटेल और तेल-से-रसायन (O2C) सेगमेंट में भी धीमी वृद्धि देखी गई, जो भविष्य की चुनौतियों का संकेत दे सकती है। कंसोलिडेटेड EBITDA में तिमाही-दर-तिमाही 2% की गिरावट भी चिंता का विषय है, हालांकि वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 11% की वृद्धि हुई है।
कंपनी का ऋण स्तर भी एक प्रमुख चिंता का विषय है। Q1FY26 तक रिलायंस का समेकित शुद्ध कर्ज लगभग ₹1,17,581 करोड़ था, जो पिछली तिमाही के ₹1,17,083 करोड़ से और बढ़ गया है। भारी पूंजीगत व्यय और नई ऊर्जा परियोजनाओं के कारण यह कर्ज और भी बढ़ सकता है।
तकनीकी विश्लेषण और भविष्य की संभावनाएं
तकनीकी दृष्टिकोण से देखा जाए तो रिलायंस के Share ने हाल के महीनों में “हायर टॉप, हायर बॉटम” का पैटर्न बनाया है, जो आमतौर पर तेजी का संकेत माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ₹1,500-1,530 के स्तर पर एक मजबूत प्रतिरोध है, जिसे तोड़ने पर शेयर में और तेजी देखी जा सकती है।
Ya Wealth के अनुज गुप्ता जैसे निवेश सलाहकारों का मानना है कि अगले 6 महीनों में Share ₹1,600-1,800 के स्तर तक पहुंच सकता है। हालांकि, अल्पकालिक उतार-चढ़ाव की संभावना बनी रहेगी, खासकर “न्यूज पर बेचना” की प्रवृत्ति के कारण।
निष्कर्ष
Reliance के मुनाफे में उछाल, फिर भी Share में गिरावट क्यों? इंडस्ट्रीज के Q1FY26 के परिणाम निस्संदेह प्रभावशाली हैं, लेकिन शेयर की अस्थायी गिरावट यह दर्शाती है कि बाजार केवल वर्तमान आंकड़ों को नहीं बल्कि भविष्य की संभावनाओं और गुणवत्तापूर्ण वृद्धि को भी देखता है। एकमुश्त लाभ से हुई आय और कुछ सेगमेंट्स में धीमी वृद्धि ने निवेशकों में मिश्रित भावनाएं पैदा की हैं।
फिर भी, प्रमुख ब्रोकरेज हाउसों की सकारात्मक रेटिंग और Jio, रिटेल तथा नई ऊर्जा व्यवसाय की मजबूत संभावनाएं यह संकेत देती हैं कि दीर्घकालीन निवेशकों के लिए Reliance एक आकर्षक विकल्प बना रहेगा। हालांकि, निकट भविष्य में कुछ अस्थिरता की उम्मीद की जा सकती है, जिससे निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए।
By: aktv.in
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