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Reliance Industries की नई योजनाएं, कमाई रिपोर्ट और शेयर रुझान का पूरा विश्लेषण

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बिक्री व मुनाफे से जुड़ी ताज़ा रिपोर्टों के बाद Reliance Industries के शेयर पर अधिकांश ब्रोकरेज ने अपना रुझान ‘खरीदें’ रखा है। एक जुलाई 2025 तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 19 में से 18 विश्लेषक ने शेयर पर ‘बाय’ रेटिंग दी हुई है। इनका 12-महीने का औसत लक्ष्य मूल्य करीब ₹1,613 है, जो उस समय के स्तर से लगभग 9% ऊपर है। प्रमुख ब्रोकरेजों द्वारा दी गयी कुछ उच्चतम लक्ष्य कीमतों में नुवामा इंस्टिट्यूशनल (₹1,801), एक्सिस कैपिटल (₹1,764) और जीफ्रिज (₹1,726) शामिल हैं।

गोल्डमैन सैक्स ने ₹1,700 तथा मॉर्गन स्टैनली ने ₹1,617 का लक्ष्य रखा है। वैश्विक ब्रोकरेज मैक्वॉरी ने हाल ही में ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग के साथ लक्ष्य कीमत ₹1,580 दी है, और रिलायंस को अपनी “सुपर-6” सूची में शामिल किया है। Bernstein ने ₹1,640 तथा जे.पी. मोर्गन ने ₹1,695 का लक्ष्य निर्धारित किया है। निवेश सलाहकारों का मानना है कि कंपनी के मजबूत आधारभूत कारक भविष्य में शेयर को और ऊँचा ले जा सकते हैं, इसलिए यदि बाजार में गिरावट आए तो वह निवेश का अच्छा अवसर बन सकती है।

ताज़ा कमाई रिपोर्ट और मुख्य तथ्य

Reliance Industries ने अप्रैल-जून 2025 तिमाही (Q1 FY2025-26) में मजबूत परिणाम दर्ज किए। इस अवधि में कंपनी का संचित राजस्व करीब ₹2.73 लाख करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6% अधिक है। कंसोलिडेटेड शुद्ध लाभ ₹26,994 करोड़ रहा, जो पिछले साल इसी तिमाही के ₹15,138 करोड़ से 78% अधिक है। इस उछाल का मुख्य कारण Asian Paints में अपने हिस्से की बिक्री से कंपनी को मिला एकमुश्त लाभ (लगभग ₹8,924 करोड़) रहा। अन्य आय को हटाकर, शुद्ध आय भी सालाना आधार पर करीब 25% बढ़ी है।

तीमाही के दौरान कुल ईबिटडा ₹58,024 करोड़ (लगभग 35.7% वृद्धि) रहा। प्रमुख व्यवसायों में रिलायंस जियो और रिटेल के वित्तीय प्रदर्शन ने कंपनी को सहारा दिया। जियो कारोबार की राजस्व वृद्धि लगभग 19% रही, और रिटेल सेल्स 11% बढ़ी। वहीं तेल-से-रसायन (O2C) सेगमेंट का राजस्व 1.5% घटा, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस कारोबार में 1.2% की गिरावट आई। कंपनी के प्रबंधकों ने बताया कि जामनगर रिफाइनरी में योजनाबद्ध बंदी और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में मौसमी मंदी ने राजस्व पर दबाव डाला।

प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में विकास

रिलायंस जियो

रिलायंस जियो ने अभी भी प्रगति जारी रखी है। जून 2025 तक जियो के कुल 5G ग्राहक 213 मिलियन तक पहुँच गए, जो दिसंबर 2024 के 170 मिलियन से बड़ी उछाल है। जियो के क्लाउड-नेटिव कोर और नेटवर्क निवेश से डेटा ट्रैफिक में भी 5G का हिस्सा तेजी से बढ़ रहा है। फाइबर नेटवर्क और फिक्स्ड वायरलेस (JioAirFiber) ने मिलकर 20 मिलियन से अधिक घरों को इंटरनेट की सुविधा मुहैया कराई। JioFiber का कवरेज अब 20 मिलियन कनेक्टेड प्रीमिस पर पहुँच गया है, और JioAirFiber के 7.4 मिलियन यूजर्स हैं। इसके अलावा, जियो ने गेमिंग व क्लाउड सेवाएं (जैसे JioGames Cloud) और JioPC जैसी नई सेवाओं की घोषणा की है।

कंपनी ने जियो का आईपीओ 2025 के बाद फिलहाल टाल दिया है, ताकि तेज़ी से बढ़ते टेलीकॉम व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। इस क्षेत्र में विश्लेषक मानते हैं कि जियो का ट्रैफिक और ग्राहक आधार आगे भी मजबूत बढ़ने की संभावना है, जिससे कंपनी की राजस्व वृद्धि बनी रहेगी।

रिलायंस रिटेल

रिटेल सेक्टर में रिलायंस की प्रदर्शन भी सकारात्मक रही। रिलायंस रिटेल वेंचर्स (RRVL) ने Q1FY26 में शुद्ध लाभ 28.3% बढ़ाकर ₹3,271 करोड़ किया और सकल राजस्व ₹84,171 करोड़ कर लिया। खाद्य एवं किराना तथा फैशन श्रेणियों में मजबूत बिक्री, स्टोर नेटवर्क के विस्तार और डिजिटल प्लेटफॉर्म (जैसे JioMart) में वृद्धि इस बढ़ोतरी का कारण रहीं। तिमाही में कंपनी ने 388 नए स्टोर खोले और कुल आउटलेट की संख्या 19,592 कर दी, जिससे ग्राहक आधार 358 मिलियन (35.8 करोड़) पर पहुँच गया। JioMart के क्यूआईपी-लॉजिस्टिक्स नेटवर्क ने भी 68% तिमाही-दर-तिमाही और 175% साल-दर-साल वृद्धि के साथ दैनिक ऑर्डर संभाले।

भविष्य की तैयारियों में, रिलायंस ने रिटेल विभाग में अपने निजी ब्रांड को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं। जून 2025 में कंपनी ने कंज्यूमर गुड्स बिजनेस को रिटेल से अलग कर सीधे रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी बना दिया। इस नए ‘न्यू रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स’ में Independence समेत कई घरेलू एफएमसीजी ब्रांड तथा Campa Cola, Lotus Chocolate, Sosyo Hajoori जैसी प्रतिष्ठित खरीदें शामिल हैं। साथ ही, घरेलू उपकरणों (consumer durables) में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए रिलायंस ने केल्विनेटर ब्रांड के भारत में ट्रेडमार्क अधिकार भी हासिल किए हैं। ये सभी घोषणाएँ रिलायंस रिटेल के विकास को नई दिशा देती दिख रही हैं।

पेट्रोकेमिकल एवं रिफाइनिंग

Reliance Industries की जामनगर रिफाइनरी गुजरात में स्थित है, जो दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनिंग परियोजनाओं में से एक है। वैश्विक परिदृश्य में चीन की बड़ी पैमाने पर पेट्रोकेमिकल क्षमता वृद्धि से परोक्ष रूप से भारत में इस क्षेत्र में अतिरिक्त निवेश की जरूरत महसूस हो रही है। Reliance Industries के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विक्रम संपत ने जुलाई 2025 में कहा कि चीन की विस्तारवादी रणनीति के चलते भारत को पेट्रोकेमिकल उत्पादन बढ़ाना होगा, नहीं तो चीन इस क्षेत्र में अपनी पकड़ और मजबूत कर लेगा।

वहीं घरेलू मोर्चे पर, जामनगर रिफाइनरी में अप्रैल-जून 2025 में योजनाबद्ध बंदी के कारण तेल-से-रसायन (O2C) कारोबार की गतिविधियाँ प्रभावित रहीं। एनालिस्ट्स का मानना है कि जैसे-जैसे ग्लोबल रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार आएगा, O2C सेगमेंट को लाभ होगा और यह संयोजन रिलायंस की वृद्धि में योगदान दे सकता है। अभी तक यह कारोबार कुल राजस्व का करीब आधा भाग देता है, लेकिन नए ट्रेंड्स (जैसे पेट्रोल की मांग की चोटी लगने आदि) के मद्देनजर ऑपरेशन में कटौती करके पेट्रोकेमिकल उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। कुल मिलाकर पेट्रोकेमिकल और रिफाइनिंग यूनिट में क्षमता विस्तार की योजनाएं लंबी अवधि में रिलायंस के मार्जिन सुधार हेतु सहायक होंगी।

ग्रीन एनर्जी (नई ऊर्जा)

Reliance Industries ने स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में बहुप्रतीक्षित हस्तक्षेप किया है। कंपनी ने अब तक कुल $10 अरब (लगभग ₹75,000 करोड़) का निवेश इस सेक्टर में करने की घोषणा की है, ताकि वह 2035 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल कर सके। गुजरात के जामनगर में रिलायंस का ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स 5,000 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें फाइव गीगा फैक्ट्रियाँ बन रही हैं (सौर पैनल, हाइड्रोजन, एनर्जी स्टोरेज, ईंधन सेल व पावर इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के लिए) कंपनी ने बताया कि ये नई फैक्ट्रियाँ अगले 4-6 तिमाहियों में चालू कर दी जाएंगी, जिसके बाद परियोजना के विकास के लिए बाहरी निवेशकों (जैसे ऑफटेक पार्टनर) को आमंत्रित किया जाएगा।

विश्लेषकों की राय है कि यह नया ऊर्जा व्यापार रिलायंस का अगला प्रमुख विकास इंजन बन सकता है। Nomura ने नए ऊर्जा क्षेत्र को विश्वस्तरीय मानक पर आंकते हुए इसे भविष्य की बड़ी कमाई-स्रोत कहा है। दूसरी ओर, Jefferies ने सोलर और हाइड्रोजन व्यवसाय की संयुक्त वैल्यूएशन $26 अरब आंकी है, जबकि Emkay Global ने इस इकाई को लगभग ₹1.5 लाख करोड़ का मूल्य दिया है। हालांकि कुछ जोखिम भी हैं – दुनिया भर में सौर पैनल निर्माण में अधिशेष के कारण अमेरिका में आयात शुल्क की आशंका जताई जा रही है, और दिल्ली की PLI योजना में संशोधन की चर्चाएँ हैं।

फिर भी रिलायंस का मानना है कि नया ऊर्जा परिचालन आने वाले वर्षों में स्वयं-निहित फंडिंग मॉडल पर आएगा, जिससे दीर्घकाल में लाभप्रदता में तेजी आएगी।

कंपनी की नई घोषणाएँ, योजनाएँ और अधिग्रहण

इन सबके अलावा Reliance Industries ने कई नए कदम उठाए हैं। पिछली तिमाही में रिलायंस ने मोबाइल ब्रॉडबैंड को उपग्रह से जोड़ने के लिए SES के साथ साझेदारी की घोषणा की है। दोनों कंपनियाँ उम्मीद कर रही हैं कि इस साल के अंत तक जियो-SES उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवा शुरू हो जाएगी। इसके तहत जल्दी ही तीन अतिरिक्त उपग्रह भेजे जाएंगे, जिससे वर्तमान क्षमता तीन गुना हो जाएगी और गेटवे इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार होगा।

रिटेल/एफएमसीजी में भी कंपनी ने बड़े बदलाव किए हैं। Reliance Industries ने अपने कंज्यूमर प्रोडक्ट्स व्यवसाय (FMCG ब्रांड) को रिटेल से अलग निकालकर कंपनी की सीधी सहायक इकाई बना दिया। इसे “न्यू रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड” नाम दिया गया है और रिलायंस का स्वामित्व इसमें करीब 83.5% होगा। इस परिवर्तन के पीछे रणनीति यह बताई गई है कि एफएमसीजी बिजनेस को विशेष ध्यान और अलग निवेश की जरूरत है। इसके अलावा, उपभोक्ता उपकरणों की श्रेणी में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए केल्विनेटर ब्रांड का अधिग्रहण किया गया है।

इन पहलों से Reliance Industries की विभिन्न व्यवसाय इकाइयों को अलग-अलग गति और निवेश मिल सकेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ये स्टेप्स खासकर एफएमसीजी और ऊर्जा क्षेत्रों में भविष्य के विस्तार के लिए मददगार होंगे।

शेयर बाजार पर प्रभाव

Reliance Industries के इन समाचारों और परिणामों का शेयर मार्केट पर मिला-जुला असर देखा गया है। साल 2025 की शुरुआत से कंपनी का शेयर करीब 19% बढ़ा है, जबकि इसी अवधि में Nifty50 इंडेक्स केवल 5.9% ऊपर आया है, शुरुआती जुलाई में शेयर लगभग 1,600 रुपये के ऐतिहासिक स्तर के करीब पहुँच गए थेl। हालांकि Q1FY26 रिपोर्ट के बाद 21 जुलाई को निवेशकों ने मुनाफा लेने की क्रिया की और शेयर करीब 3% तक गिर गया। उसी दिन रिलायंस निफ्टी50 का शीर्ष भारित शेयर बना हुआ था, जिससे इंडेक्स की तेजी कुछ हद तक रुक गई। बाद में बाजार ने स्थिति को समायोजित किया और तकनीकी सहायता से कीमतें स्थिर हुईं।

हालांकि समग्र रूप से विशेषज्ञ मानते हैं कि दीर्घावधि में Reliance Industries की पोजिशन मज़बूत है, इसीलिए शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव को अवसर माना जा रहा है। उदाहरण के तौर पर, Macquarie ने हालिया गिरावट को “टैक्टिकल खरीदारी का मौका” कहा है।

विशेषज्ञों की राय और निवेशकों के लिए सलाह

विशेषज्ञों और ब्रोकरेज एनालिस्टों की राय भी Reliance Industries के पक्ष में है। वीके विजयकुमार (Geojit) जैसे रणनीतिज्ञ बताते हैं कि हाल ही में मिली तिमाही रिपोर्ट में रिलायंस की जियो और रिटेल यूनिट ने उम्मीदों से बेहतर काम किया है। इसी तरह, Emkay के विश्लेषकों का मानना है कि रिटेल और जियो सेक्टर की वृद्धि और अधिक तेज़ होगी, और नई ऊर्जा इकाइयाँ चार से छह महीनों में पूरी तरह चालू हो जाएंगी।

अधिकांश प्रमुख ब्रोकरेज ने Reliance Industries को ‘आउटपरफॉर्म’ या ‘बाय’ रेटिंग दी हुई है, और निवेशकों को सलाह है कि वे मुनाफा लेने की बजाय दीर्घकालिक निवेश के अवसर देखें। मैक्वारी, मॉर्गन स्टैनली, जे.पी. मोर्गन जैसे ग्लोबल फर्में कंपनी को लम्बे समय तक बढ़ने वाला मानती हैं। इन्होंने AGM में ग्रोथ टारगेट, रिटेल रिकवरी, नई ऊर्जा क्षमता कमीशनिंग और जियो लिस्टिंग जैसे कारकों को आगे के ट्रिगर्स बताया है।

निष्कर्ष: Reliance Industries के आधारभूत वित्त मजबूत हैं और नई पहलों से उसके भविष्य की वृद्धि की संभावनाएँ और गहरी हुई हैं। अनुभवी निवेशक सलाह दे रहे हैं कि यदि बाजार में गिरावट आए तो इसे खरीद का अवसर मानें, क्योंकि दीर्घकालिक प्रदर्शन अभी तक आशाजनक है।

स्रोतः Reliance Industries की आधिकारिक त्रैमासिक रिपोर्ट एवं प्रेस रिलीज, रॉयटर्स और प्रमुख आर्थिक समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट्स


By: aktv.in

What is the latest share price target for Reliance Industries in 2025?

As of July 2025, most leading brokerages have given Reliance Industries a 12-month target price ranging from ₹1,580 to ₹1,800, with the average target around ₹1,613. Goldman Sachs has set a target of ₹1,700, and Macquarie has included Reliance in its “Super 6” stock list with a target of ₹1,580.

Why are analysts bullish on Reliance Industries stock?

Analysts are optimistic due to Reliance’s diversified business model, strong Q1 performance, expansion in Jio 5G, robust retail growth, and future-focused investments in green energy and FMCG. The company’s steady revenue streams and large-scale digital and infrastructure play support long-term growth.

How did Reliance perform in the Q1 FY26 results?

Reliance Industries posted a consolidated net profit of ₹26,994 crore, a significant jump from last year, mainly due to the one-time gain from stake sales and strong performance in Jio and Retail. EBITDA rose 35.7% to ₹58,024 crore.

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