भारत के प्रमुख निजी क्षेत्र के बैंकों में से एक Kotak Bank के शेयर मूल्य में हाल ही में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। इस गिरावट के पीछे कई महत्वपूर्ण कारक हैं जिन्होंने निवेशकों की चिंता बढ़ाई है। आइए इन कारणों का विस्तृत विश्लेषण करते हैं और समझते हैं कि इसका बैंक के भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
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तिमाही परिणामों में निराशा
Kotak Bank की अप्रैल-जून 2025 तिमाही (Q1 FY2025-26) के परिणाम बाजार की अपेक्षाओं से काफी कमजोर रहे। बैंक का एकल (standalone) शुद्ध लाभ ₹3,282 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में लगभग 7% कम है। यह आंकड़ा विशेष रूप से चिंताजनक इसलिए है क्योंकि रॉयटर्स के अनुसार विश्लेषकों ने औसतन ₹3,582 करोड़ के शुद्ध लाभ की उम्मीद की थी।
इस निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद, बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में 6% की वृद्धि देखी गई, जो ₹7,259 करोड़ तक पहुंच गई। यह वृद्धि मुख्यतः ऋण पोर्टफोलियो की बढ़ोतरी के कारण हुई। हालांकि, मार्जिन के मामले में चिंताजनक स्थिति नजर आई। नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) घटकर 4.65% हो गया, जबकि पिछले वर्ष यह 5.02% था। यह संकुचन मुख्यतः RBI द्वारा रेपो रेट में की गई कटौती के कारण हुआ, जिसके चलते बैंक को अपने ग्राहकों को तुरंत ब्याज दरों में रियायत देनी पड़ी।
संपत्ति गुणवत्ता में चिंताजनक संकेत
Kotak Bank की संपत्ति गुणवत्ता में भी कुछ गिरावट देखी गई है। सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (GNPA) अनुपात बढ़कर 1.48% हो गया, जबकि पिछले वर्ष यह 1.39% था। विशेष रूप से रिटेल व्यावसायिक वाहन (CV) ऋण और सूक्ष्म वित्त (MFI) क्षेत्रों में तनाव के संकेत मिले हैं।
इसके अतिरिक्त, बैंक ने संभावित खराब ऋणों के लिए प्रावधान भी काफी बढ़ाए हैं। यह प्रावधान ₹1,208 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछली तिमाही से दोगुना है। यह बढ़ोतरी भविष्य में संभावित ऋण नुकसान के प्रति बैंक की सतर्कता को दर्शाती है, लेकिन साथ ही यह वर्तमान तिमाही के लाभ पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है।
RBI की नियामकीय कार्रवाई का प्रभाव
अप्रैल 2024 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Kotak Bank पर ‘सीज़ एंड डिसिस्ट’ आदेश जारी किया था। इस आदेश के तहत बैंक को डिजिटल माध्यम से नए ग्राहक जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर तत्काल रोक लगाई गई। RBI के अनुसार बैंक के आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर में खामियां थीं, जिससे ग्राहकों को परेशानी हो रही थी।
यह प्रतिबंध बैंक की तेज डिजिटल वृद्धि और कार्ड पोर्टफोलियो के लिए एक बड़ा झटका था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्रवाई के बाद मात्र छह ट्रेडिंग सत्रों में कोटक के शेयर में करीब 16% की गिरावट आई। हालांकि सकारात्मक बात यह है कि फरवरी 2025 में RBI ने इन प्रतिबंधों को हटा लिया है। बैंक ने उपयुक्त सुधारात्मक कदम उठाए और बाहरी ऑडिट के जरिए अनुपालन सत्यापित किया, जिससे अब नई ग्राहक भर्ती और क्रेडिट कार्ड जारी करने की बाधाएं हट गई हैं।
प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव
Kotak Bank के शीर्ष प्रबंधन में हाल ही में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। सितंबर 2023 में संस्थापक उदय कोटक ने प्रबंध निदेशक एवं CEO के पद से चार महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अक्टूबर 2023 में बैहरी बैंकिंग विशेषज्ञ अशोक वासवानी को तीन वर्ष के लिए नया MD एवं CEO नियुक्त किया गया।
यह नियुक्ति कुछ निवेशकों और विश्लेषकों के लिए आश्चर्यजनक थी, क्योंकि वे आंतरिक उम्मीदवारों को प्राथमिकता की उम्मीद कर रहे थे। नए CEO की नियुक्ति के बाद बैंक के शेयर 2-3% गिर गए, और ब्रोकरेज हाउस जेफरीज ने स्टॉक को ‘होल्ड’ रेटिंग में डाउनग्रेड करते हुए भविष्य में वरिष्ठ प्रबंधन में संभावित परिवर्तन और व्यवधान की आशंका जताई।
इससे पहले अप्रैल 2024 में बैंक के संयुक्त MD केवीएस मणियन ने भी इस्तीफा दे दिया था। मणियन को कई विश्लेषकों ने उदय कोटक का संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा था। इन प्रबंधन परिवर्तनों से निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ी है, क्योंकि संस्थापक परिवार के नियंत्रण में बदलाव से सामरिक दिशा और निर्णय प्रक्रियाएं प्रभावित हो सकती हैं।
बाजार की प्रतिक्रिया और विश्लेषकों के विचार
उपरोक्त घटनाक्रमों पर बाजार की प्रतिक्रिया तीव्र रही है। Q1 के नतीजों के बाद Kotak Bank के शेयर में 6-7% तक की तेज गिरावट आई। कई ब्रोकरेज संस्थानों ने अपने लाभ अनुमान घटाए हैं। उदाहरण के लिए, एंटीक ब्रोकरेज ने FY26 एवं FY27 के अनुमान क्रमशः 6% और 3% तक कम किए हैं।
LSEG के आंकड़ों के अनुसार तिमाही परिणामों के बाद आठ प्रमुख विश्लेषकों ने स्टॉक के लक्ष्य मूल्य को घटाकर औसत ₹2,340 प्रति शेयर कर दिया है। इसके पीछे मुख्य कारण लागतों में बढ़ोतरी, मार्जिन संकुचन और बढ़ती क्रेडिट लागत बताई गई है।
हालांकि, सभी विश्लेषक पूर्णतः नकारात्मक नहीं हैं। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि कोटक का मूल सिद्धांत मजबूत है, जिसमें सख्त जोखिम प्रबंधन और विविध ऋण पोर्टफोलियो शामिल है। जेफरीज और मैक्वेरी जैसे संस्थानों ने केवल अल्पकालीन जोखिमों को उजागर किया है और कोटक को “वहनीय वैल्यू” बताया है।
दीर्घकालिक दृष्टिकोण और निवेशक सुझाव
दृढ़ आधारभूत सुविधाओं वाले कोटक महिंद्रा बैंक को दीर्घावधि में लाभ होने की संभावनाएं बनी हुई हैं। Kotak Bank की ऋण वृद्धि तेज बनी हुई है – होम लोन में 19% वार्षिक और कॉर्पोरेट ऋण में 13% वार्षिक वृद्धि हो रही है। जमा में भी निरंतर वृद्धि हो रही है, और NPA दर अभी भी नियंत्रित स्तर पर है।
निवेशकों के लिए सुझाव यह है कि अल्पावधि के उतार-चढ़ाव के बावजूद स्टॉक में स्थिर रुचि बनाए रखें। कई विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा निवेशक धैर्यपूर्वक स्टॉक को पकड़े रखें और गिरावट पर खरीदारी करते रहें, क्योंकि कोटक का वर्तमान वैल्यूएशन आकर्षक है।
निष्कर्ष
Kotak Bank के शेयर मूल्य में हालिया गिरावट के पीछे मुख्यतः Q1 परिणामों में अपेक्षित से कम लाभ, RBI द्वारा लगाए गए डिजिटल क्रेडिट प्रतिबंध, और प्रबंधन में आए बदलाव शामिल हैं। हालांकि ये चुनौतियां वास्तविक हैं, लेकिन विशेषज्ञों की राय में वर्तमान कमजोरियां मुख्यतः अस्थायी कारकों से प्रेरित हैं।
बैंक की मजबूत मूलभूत स्थिति, नियंत्रित NPA दर, और निरंतर ऋण वृद्धि को देखते हुए दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह एक अवसर हो सकता है। RBI प्रतिबंधों के हटने से बैंक की डिजिटल और कार्ड व्यवसाय में फिर से तेजी आने की उम्मीद है, जो भविष्य की आय को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।
By: aktv.in











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