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Union Bank के शेयरों में आई गिरावट

Union Bank के शेयरों में आई गिरावट

भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक Union Bank के शेयर में हाल के महीनों में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। वर्ष 2025 की शुरुआत में जहां यह शेयर ₹100.75 के निम्न स्तर पर था, वहीं जून तक यह ₹158.60 के 52-सप्ताह के उच्च स्तर तक पहुंच गया। लेकिन जुलाई 2025 में तिमाही परिणामों की घोषणा के बाद शेयर में तेज गिरावट आई है। इस लेख में हम Union Bank के शेयर की गिरावट के कारणों, तिमाही परिणामों के विश्लेषण और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

Union Bank के शेयरों में आई गिरावट

शेयर प्रदर्शन का विश्लेषण

Union Bank का शेयर इस वर्ष एक रोलर कोस्टर राइड से गुजरा है। जनवरी 2025 में ₹100.75 के निचले स्तर से शुरू होकर, बैंकिंग सेक्टर में मजबूत परिणामों और रिटेल ऋण वृद्धि की उम्मीदों के चलते यह जून तक 57% की तेजी दिखाते हुए ₹158.60 तक पहुंच गया।

हालांकि, जुलाई में स्थिति बदल गई। 9 जुलाई को शेयर में सुबह के सत्र में करीब 6% की गिरावट आई और यह ₹141.54 तक लुढ़क गया। इसके बाद 21 जुलाई को Q1FY26 के परिणामों की घोषणा के बाद शेयर में 4% की और गिरावट आई, जो ₹140.80 पर बंद हुआ। पिछले पांच दिनों में शेयर में 3-6% की गिरावट देखी गई, और इस महीने यह अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर से 10% से अधिक नीचे आ गया है।

तिमाही परिणामों का गहन विश्लेषण

Union Bank के Q1 FY26 के परिणामों ने मिश्रित तस्वीर पेश की है। सकारात्मक पहलुओं की बात करें तो बैंक का नेट प्रॉफिट ₹4,115.5 करोड़ रहा, जो पिछली तिमाही की तुलना में 12% अधिक है। कुल आय भी बढ़कर ₹31,791 करोड़ हुई।

Union Bank के परिसंपत्ति गुणवत्ता में भी सुधार दिखा। सकल एनपीए घटकर 3.52% और नेट एनपीए 0.62% हो गया। बैड लोन के प्रावधान भी कम होकर ₹1,153 करोड़ रह गए, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही के ₹1,651 करोड़ से काफी कम है। प्रावधान कवर अनुपात (PCR) 94.65% पर है, जो बेहतर वित्तीय स्थिति को दर्शाता है।

वित्तीय मजबूती के संकेतक भी अच्छे हैं – बैंक का ROA बढ़कर 1.11% और CAR (पूंजी पर्याप्तता अनुपात) 18.3% हो गया है। रिटेल-एग्रीकल्चर-एमएसएमई (RAM) पोर्टफोलियो में 10.31% की वृद्धि हुई, जिसमें रिटेल उधार 25.60% बढ़ा।

चिंता के कारण

परंतु कुछ नकारात्मक पहलू भी सामने आए हैं जिन्होंने निवेशकों को चिंतित किया है। निट इंटरेस्ट इनकम (NII) घटकर ₹9,112.6 करोड़ रह गई, जो साल-दर-साल 3.2% की गिरावट है। इसका मतलब है कि ऋण पर मिलने वाले ब्याज में वृद्धि तो हुई, लेकिन जमा पर चुकाए जाने वाले ब्याज में बढ़त से मार्जिन पर दबाव रहा।

बैंक के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में भी कमी आई – यह घटकर ₹6,909 करोड़ रह गया, जो पिछली तिमाही के ₹7,785 करोड़ से कम है। सबसे बड़ी चिंता CASA (चालू+बचत जमा) में आई गिरावट है। CASA ₹4.03 लाख करोड़ पर था, जो तिमाही आधार पर 5.43% घटा। यह गिरावट नेट मार्जिन पर दबाव डाल सकती है क्योंकि बैंक को महंगी फंडिंग पर निर्भर रहना पड़ सकता है।

बाजार की स्थिति और सेक्टर ट्रेंड्स

पूरे बैंकिंग सेक्टर में इस दौरान मिश्रित रुझान देखने को मिला। जुलाई की शुरुआत में सरकार द्वारा PSU बैंकों में सुधार की खबरों ने बैंकिंग शेयरों को हवा दी। 16 जुलाई को PSU बैंक इंडेक्स 1.5% तक चढ़ गया, लेकिन अगले दिन लाभवसूली शुरू हो गई।

आरबीआई की मौद्रिक नीति में भी परिवर्तन हुए हैं। जून 2025 की नीति बैठक में रेपो दर 6.50% पर स्थिर रखी गई, लेकिन मौद्रिक परिस्थिति में नरमी आई। Union Bank ने जुलाई में अपनी लेंडिंग दरों को 50 बेसिस प्वाइंट कम किया, जिससे कर्जदारों को फायदा हुआ लेकिन बैंक के NIM पर दबाव बढ़ने की आशंका है।

नीतिगत परिवर्तन और भविष्य की योजनाएं

हाल ही में RBI ने बैंक पर नियमावली उल्लंघन के लिए ₹63.6 लाख का जुर्माना लगाया है। हालांकि यह राशि बैंक के लिए बहुत बड़ी नहीं है, फिर भी यह नियामक अनुपालन की चुनौती को दर्शाता है।

सकारात्मक पहलू पर, सरकार की ओर से PSU बैंक सुधारों की दिशा में संकेत मिल रहे हैं। मर्जर, पूंजीकरण और विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने पर विचार हो रहा है। यूनियन बैंक ने भी घोषणा की है कि वह अगले समय में ₹6,000 करोड़ पूंजी जुटाने की योजना बना रहा है – इसमें ₹3,000 करोड़ इक्विटी से और ₹3,000 करोड़ बेसल-III अनुपालन बॉन्ड से आएंगे।

विश्लेषकों और निवेशकों की राय

बाजार विश्लेषकों की राय मिली-जुली है। ET मार्केट्स के विश्लेषकों ने Union Bank का औसत मूल्य लक्ष्य ₹152 लगाया है, जो वर्तमान स्तर से लगभग 7% ऊपर है। 13 में से अधिकतर ब्रोकरों ने “बाय” रेटिंग दी है, जो दर्शाता है कि उन्हें बैंक की दीर्घकालिक क्षमता पर भरोसा है।

वैल्यू रिसर्च ऑनलाइन के विश्लेषकों के अनुसार, अल्पकालिक चिंता CASA की धीमी वृद्धि और जमा पर दबाव की है, जो NIM को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, उन्होंने यह भी नोट किया कि Union Bank की दीर्घकालिक बुनियाद मजबूत है।

भविष्य की संभावनाएं और जोखिम

भविष्य के दृष्टिकोण से देखें तो यूनियन बैंक के सामने अवसर भी हैं और चुनौतियां भी। सकारात्मक पहलू पर, भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अपेक्षाकृत ऊंची रहने की उम्मीद है। RBI ने FY26 के लिए लगभग 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान लगाया है, जिससे बैंकों में ऋण की मांग बढ़ने की संभावना है।

बैंक का ऋण पोर्टफोलियो संतुलित है, रिटेल और MSME ऋण में तेजी आई है, और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों में गिरावट जारी है। पूंजी पर्याप्तता अनुपात मजबूत है और प्रावधान कवरेज अच्छा है।

जोखिमों की बात करें तो मुख्य चिंता मार्जिन-संकुचन की है। CASA जमा की घटती हिस्सेदारी से बैंक को महंगी फंडिंग पर निर्भर रहना पड़ सकता है। पूंजी जुटाने की योजना भी एक जोखिम है – यदि यह इक्विटी इश्यू के जरिए होती है तो मौजूदा शेयरधारकों का हिस्सा घट सकता है।

निष्कर्ष

Union Bank ऑफ इंडिया एक मजबूत फंडामेंटल वाला PSU बैंक है जिसके शेयर में अल्पावधि में उतार-चढ़ाव अधिक है। बैंक के तिमाही परिणाम मिश्रित रहे हैं – प्रॉफिट में वृद्धि और एसेट क्वालिटी में सुधार सकारात्मक है, लेकिन NII में गिरावट और CASA की समस्या चिंताजनक है।

विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि बैंक अपनी पूंजी प्रबंधन योजना को सफलतापूर्वक पूरा करता है और ऋण वृद्धि बनाए रखता है, तो दीर्घकालिक में इसका प्रदर्शन सकारात्मक रह सकता है। फिर भी, निकट भविष्य में CASA और मार्जिन चुनौतियों को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

बाजार में मौजूदा अस्थिरता को देखते हुए, Union Bank के निवेशकों को अपनी जोखिम सहनशीलता के अनुसार निवेश के फैसले लेने चाहिए और बैंक के आगामी तिमाही परिणामों पर नजर रखनी चाहिए।

By: aktv.in

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