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Vedanta को लेकर बड़ा खुलासा: Viceroy का हमला, कंपनी का पलटवार और JPMorgan की रिपोर्ट

Vedanta: JPMorgan responds to concerns over VRL's governance

9 जुलाई 2025 को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म Viceroy Research ने वेदान्ता रिसोर्सेज (VRL) और उसकी सहायक भारतीय कंपनी वेदान्ता लिमिटेड (VEDL) पर 85-पृष्ठ का विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित किया। इसमें आरोप लगाए गए कि VRL एक “पोंज़ी स्कीम” जैसा मॉडल अपनाकर VEDL की नकदी खींच कर स्वयं को चलाए जा रहा है। रिपोर्ट का उद्देश्य VRL के ऊध्र्वाधर समूह संरचना और संचालन पर सवाल उठाना और निवेशकों को चेतावनी देना था।

प्रमुख आरोप:

  • “परासाइट” संबंध: Viceroy ने VRL को एक जीवित-लाश बताया जो VEDL से नकदी खींच कर चलता है, जिससे VEDL की कार्यशील पूंजी ख़त्म होती जा रही है।
  • पोंज़ी स्कीम चरित्रांकन: कहा गया कि VRL बैंकों और बॉन्डहोल्डर से रिफंडिंग लेकर VEDL को भारी लाभांश देने के लिए नकदी खींच रहा है-जो एक टूटते संरचना जैसा है।
  • गवर्नेंस अक्षमता: आंतरिक लेखा पुस्तकों में छिपी देनदारियाँ, आधारहीन प्रमोटर फीस (ब्रांड फीस व अन्य), और ऑडिटर का संदेहास्पद चयन-Viceroy ने इसे गंभीर मानदंड उल्लंघन बताया।
  • डिमर्जर भ्रम: 2023 में VEDL द्वारा घोषित डिमर्जर योजना को Viceroy ने नकली समाधान बताया-न कि असली समस्या का हल।

2. बाजार में तुरंत प्रभाव

रिपोर्ट जारी होते ही:

  • VEDL की शेयर कीमतें 6–8% तक गिर गईं, कुछ सत्रों में ₹400-420 के समर्थन स्तर तक पहुँच गईं।
  • HZL (हिंदुस्तान ज़िंक लिमिटेड) की शेयर दर में भी 3–5% की गिरावट देखी गई।

विश्लेषकों ने शेयर तकनीकी रूप से कमजोर दिखाए गए-₹400–₹420 को मजबूत समर्थन क्षेत्र माना गया; टूटने पर ₹360 तक गिरने की संभावना जताई गई, लेकिन दीर्घकालिन निवेशकों के लिए यह सतर्क समय बताया गया।

3. वेदान्ता की प्रतिक्रिया: “दुर्भावनापूर्ण और आधारहीन”

रिलीज़ स्टेटमेंट का सार:

VEDL और समूह ने Viceroy रिपोर्ट को “दुर्भावनापूर्ण मिश्रण” (malicious combination) और “चुनिंदा अफवाहों” (selective misinformation) का आरोप लगाते हुए अस्वीकार किया। कंपनी ने कहा कि रिपोर्ट:

  1. बिना पूछताछ प्रकाशित की गई, पूर्व संपर्क भी नहीं था।
  2. डेटा सार्वजनिक है, रिपोर्ट ने उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया।
  3. टाइमिंग संदिग्ध-“कॉर्पोरेट योजनाओं को आड़े लाने के लिए”।
  4. Viceroy स्वयं ने रिपोर्ट को “शैक्षणिक” और “राय” बताया, न कि तथ्य-इससे संतुलन पर प्रश्न।

VEDL ने स्पष्ट किया, “हमारा फोकस निरंतर विकास पर है, और गलत अफवाहों से बाज़ रहें”।

4. JPMorgan का आत्मविश्वासी रुख

10 जुलाई को JPMorgan ने एक विश्लेषक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया:

  • VEDL (ex-HZL) का FY25 EBITDA ₹25,800 करोड़ (~$3.1 बिलियन) दर्ज किया गया, जिसकी नेटवर्क लेवरेज 2.2× है,कोई संकेत आर्थिक तनाव का नहीं। HZL में लेवरेज केवल 0.1× है, FY26 में बढ़ कर 0.5× होने की उम्मीद।
  • सरकार की छठी बोर्ड मौजूदगी: HZL में भारत सरकार के तीन बोर्ड सीट हैं, और उसने प्रमुख डिस्क्र्शन (जैसे कैपेक्स) रोकने की क्षमता दिखा रखी है,इससे गवर्नेंस मजबूत रहती है।
  • टैक्स विवाद/कलैम्स: ₹15,150 करोड़ के विवादित दावे हैं, लेकिन ये पूरी तरह से असामान्य हैं (जैसा JSW स्टील में भी देखा गया)।
  • पुट/कॉल ऑप्शन समझौता: पूर्व में सरकार और Vedanta के बीच हुए समझौते में HZL के शेयरों को 50% प्रीमियम/डिसकाउंट पर खरीद/बेचने का विकल्प था, जो हाल तक सक्रिय रहा। इससे सरकारी नजर बनी है।

JPMorgan ने VRL के बॉन्ड्स पर “Overweight” रेटिंग दी, विशेषकर VEDLN 2029, 2031 बॉन्ड्स को ~10% यील्ड पर उचित माना। 2033 बॉन्ड में थोड़ा संयम बरतने की सलाह दी।

प्रमुख वित्तीय तर्क (Moneylife एवं अन्य स्रोतों से):

  • VEDL ने FY21-22 से FY24-25 तक कुल $5.6 बिलियन नकदी कमाई की, लेकिन इसी अवधि में उसने उतना ही लाभांश दिया; यह फंडिंग शॉर्टफॉल की रिकवरी में ऋण का इस्तेमाल हुआ।
  • FY24‑25 में वास्तविक ब्याज व्यय $368 मिलियन ज्यादा था,इससे अनुमान लगाया गया कि कुछ ऋण छिपे (off‑balance sheet) हैं या नकदी दबाव में जल्द-जल्दी ऋण लिया गया।
  • Viceroy ने “ब्रांड फीस” एवं “स्ट्रैटेजिक सर्विस” नाम से VEDL से VRL को $338 मिलियन का ट्रांसफर बताया-जिसका व्यवसायी आधार स्पष्ट नहीं।
  • HZL के पुट/कॉल ऑप्शन में यदि कोई अनियमितता होती तो सरकार को भारी प्रभाव पड़ सकता है।
  • अलेगलसर स्थितियों (जैसे Fujairah Gold, Skorpion Mine, Talwandi Sabo Power, Kon kola Copper Mines) पर भी गहराई से सवाल उठाए गए।
  • ऑडिट और गवर्नेंस: VRL के UK ऑडिटर और VEDL के ऑडिटर को पूर्व में गुणवत्ता नियंत्रण के उल्लंघन में पेनल्टी मिली थी। अधिकारियों में बदलाव भी सक्रिय है।

6. समूह की मौजूदा स्थिति: ऋण, नकदी प्रवाह और रणनीति

  • VRL का standalone नेट-डेब्‍ट $6.2 बिलियन (मार्च 2024 में), जिसमें पिछले दो वर्षों में $3.5 बिलियन कमी हुई। बांड शोधन के लिए $1.25 बिलियन बैंक लोन लिया गया।
  • FY27 तक VRL का लक्ष्य $3 बिलियन ऋण में कटौती करना है। समूह EBIDTA FY25 में $6.5 बिलियन रहने का अनुमान था। FY24 में कैपेक्स ₹11,675 करोड़ था; FY25 में $1.9 बिलियन (~₹15,844 करोड़) होगा।
  • रिफाइनरी/माइनिंग विस्तार: Jharsuguda अल्यूमिनियम क्षमता 1.8 MTPA, Lanjigarh 5 MTPA; BALCO 1 MTPA; HZL 1.5 MTPA; Cairn India उत्पादन बढ़ाना।
  • समूह सेमिकंडक्टर और ग्लास पैनल उत्पादकों में रूचि दिखा रहा है।
  • उन्हें NCD ड़िबेंचर जारी कर ₹2,500 करोड़ जुटाने की योजना भी है।

दोनों ओर से दिखाई गई रणनीतियाँ:

पक्षउद्देश्य और दृष्टिकोण
Viceroy ResearchVRL की “पोंज़ी संरचना”, छिपी देनदारियाँ, आधारहीन फीस और गवर्नेंस विफलता पर जोर देकर समूह को गिरता हुआ दिखा रहा है।
वे़दान्ता और JPMorganनकदी प्रवाह स्वस्थ है, सरकारी नियंत्रण है, नियोजन योग्य विकास जारी है, और ऋण पुनर्गठन करने की स्पष्ट रणनीति है।

निष्कर्ष:

  • Viceroy ने निवेशकों को चेताया है कि VRL/VEL की नकदी प्रणाली अक्षम हो सकती है।
  • दूसरी ओर, वेदान्ता ने जो वित्तीय तंत्र और नकदी प्रवाह अब तक दिखाया उसका समर्थन JP Morgan ने करते हुए कहा कि डर को दरकिनार करें और दीर्घकालिन दृष्टिकोण रखें। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे मात्र तकनीकी गिरावट पर ध्यान न दें, बल्कि कंपनी की आगामी नकदी सृजन, ऋण विमोचन, और डिमर्जर की प्रगति देखें।

8. आगे की निगरानी: क्या देखें?

  1. VEDL का FY26-27 रिपोर्ट: नकद प्रवाह, लेवरेज अनुपात, CAPEX नियोजन।
  2. डिमर्जर की पूरी रूपरेखा: NCLT और SEBI की मंजूरी, ट्रांजैक्शन की शर्तें।
  3. HZL में सरकारी हस्तक्षेप: बोर्ड वोटिंग, निवेश पर निर्णय।
  4. Viceroy vs वेदंता कानूनी लड़ाई: क्या Viceroy जवाब देगा? क्या वेदान्ता कानूनी प्रयास करेगा?
  5. बॉन्ड की परफॉरमेंस और लेंडर्स का रुख: नए ट्रांसफर, YTW की ट्रेंडिंग, बैंक लोन की स्थिति।

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